Tuesday, 21 July 2015

हमसफ़र…

आने से जिसके महका ये संसार, है वो मेरा हमसफ़र। 
अंधियारी रातों में जो है उजाले का श्रृंगार , है वो मेरा हमसफ़र। 
सपनो को हकीकत बनाकर जो मेरी दुनिया सजा रहा , है वो मेरा हमसफ़र। 
सात फेरो  के सातो वचनो को हर हाल में जो निभा रहा , है वो मेरा हमसफ़र। 
हूँ मैं अर्धांगिनी पर मुझे जो पूरा हक़ दिल रहा , है वो मेरा हमसफ़र ।
अहसान है उसका मुझ पे मगर वो जो मेरा अहसान मान  रहा , है वो मेरा हमसफ़र। 
क्या  मैं भी बन पाऊँगी उस जैसी हमसफ़र  , जैसा है वो मेरा हमसफ़र………।