Thursday, 25 June 2015

meri saheli

मैं शिखा ……25  साल कि  एक लड़की। .......... एक ऐसी लड़की जिसकी कोई सहेली कोई बहन नही है.…… बड़ा अजीब लग रहा है न सुनने में, पर ये सच है  सालो पहले एक सहेली थी "मेरी मम्मी " जो अब इस दुनिया में नही है तब से आज तक  अकेली हूँ । और अब तो मैं ससुराल भी आ गयी हूँ  पर यहाँ भी वही हाल है न सास न ननद न ही देवरानी -जेठानी घर में कोई नही जिससे मैं  बात कर सकूँ । …और तो और मेरे ऑफिस में भी सिर्फ एक मैं ही लड़की बाकी लड़के। .... है न अजीब हर तरफ मैं लड़को से घिरी रहती हूँ ………। हाहाहा  पापा, भाई, पति, ससुर, देवर और ऑफिस के कलीग,भाइयों  के दोस्त  जो मुझे दीदी कहते है हर तरफ लड़के ही लडके। ……… कौन कहता है कि  लड़के बुरे होते है। ……… मुझे उनसे डर नही लगता बल्कि मैं कंफर्टेबल फील करती हूँ ,  वो मेरा ख्याल रखते है मुझे हंसाते  है मेरे मन की हर बात जान लेते है बिना मेरे कुछ कहे……मैं शॉपिंग करने भी उन्ही के साथ ही जाती हूँ । मैं अपनी हर छोटी से छोटी बाते उनसे शेयर करती हूँ  , वो मेरे बुरे जोक्स पर भी हंसते  है मुझ पर क्या अच्छा लगता है क्या नही सब कुछ मैं उनसे ही जान पाती हूँ  कहने को तो मेरे भाई मुझसे बहुत छोटे है पर हर गलती पर बिलकुल माँ की तरफ समझाइश देते है  मुझे एक माँ की कमी महसूस होती है पर' एक सहेली' की कमी बिलकुल भी नही खलती।